THE ULTIMATE GUIDE TO SHAYARI

The Ultimate Guide To shayari

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मुहाल है । शायद इसलिए शाइर ज़िंदगी को जितने ज़ावियों और सूरतों में देखता है, उस को अपने तौर पर पेश करता है । ज़िंदगी के हुस्न की कहानी हो या उस की बद-सूरती का बयान सब को उर्दू शाइरी अपने दामन में समेट कर चलती है । इस का अंदाज़ा यहाँ प्रस्तुत संकलन से लगाया जा सकता है ।

1797 - 1869

"मेहनत का ऐसा रंग चढ़ा अपने ऊपर की, लाख मुसीबतो में भी फीका ना हो।"

सारे ख्वाब अब चूर चूर हो गए पर आस अभी छोड़ी नहीं है मैने।

The Indian Males’s hockey team secured their second consecutive Olympic bronze medal, achieving this feat for The very first time in fifty two decades.

No matter if you’re trying to find to connect using your possess thoughts or empathize with Other individuals, our Shayari offers a space to embrace the depth of human sentiment. Be part of us inside a poetic journey that resonates Together with the numerous tapestry of thoughts that shape our life.”

ایویں اھدا ہیں جو بے سکونی اے ایویں اھدا ہیں جو بے سکونی اے

क्योंकि इस दिल को आदत है तुम्हे याद करने की।

घर के अंदर सदा जलती है उनकी आशा की दीप में।

क्यूँ चोट लगी है मेरे दिल को समझ नहीं आता अब कुछ।

मैंने उसको इतना देखा जितना देखा जा सकता था

मेरी बुराई दूसरो से करते हो, मुझे सुधर जाने कि दुआ करते हो, इतना ही ख्याल है मेरा, तो मेरी बुराई मुझसे किया करो।

क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म अस्ल में दोनों एक हैं

मानव शरीर की रचना कुछ तत्वों से होती है। दार्शनिकों की दृष्टि में वो तत्व अग्नि, वायु, मिट्टी और जल हैं। इन तत्वों में जब भ्रम पैदा होता है तो मानव शरीर अपना संतुलन खो देता है। अर्थात ग़ालिब की भाषा में जब shayri तत्वों में संतुलन नहीं रहता तो इंद्रियाँ अर्थात विभिन्न शक्तियां कमज़ोर होजाती हैं। चकबस्त इसी तथ्य की तरफ़ इशारा करते हैं कि जब तक मानव शरीर में तत्व क्रम में हैं मनुष्य जीवित रहता है। और जब ये तत्व परेशान हो जाते हैं अर्थात उनमें संतुलन और सामंजस्य नहीं रहता है तो मृत्यु होजाती है।

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